मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। सहस बदन तुम्हरो यश गावैं। अस कहि श्री पति कंठ लगावैं॥ अष्ट सिद्धि नवनिधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता॥ यह भी पढ़ें इंदौर के पितरेश्वर हनुमान धाम का इतिहास... जय हनुमान ज्ञान गुण सागर। जय कपीस तिहुँ लोक https://roberth295qst4.snack-blog.com/35566591/how-much-you-need-to-expect-you-ll-pay-for-a-good-hanuman-mantra