तन्हाई की रातों में, दर्द की गहराइयों में खो जाता हूँ, “हम अपनी जान के दुश्मन को अपनी जान कहते हैं हफ़ीज़ जालंधरी टैग : दोस्त शेयर कीजिए तन्हाई की रातों में, दिल के सबसे गहरे कोने में छुपा होता है, तेरा अकेलापन मुझे अकेला होने नहीं देता। जो मेरी https://youtu.be/Lug0ffByUck